झांसी (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शासन ने पढ़ाई के घंटे निर्धारित कर दिए हैं। जाड़े के दिनों में रोजाना साढ़े पांच घंटे पढ़ाई होगी। जबकि, ग्रीष्म काल में यह समय साढ़े चार घंटे होगा। शासन ने इसकी निगरानी की जिम्मेदारी अफसरों को सौंपी है।
शहर से जाने वाले शिक्षकों के विलंब से पहुंचने के चलते बेसिक के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित कई विद्यालय अपने निर्धारित समय के बाद ही खुलते हैं। स्कूल शिक्षक अपनी सुविधा अनुसार खोलते हैं, परंतु बंद विभाग द्वारा तय समय पर कर दिए जाते हैं। इससे बच्चों की शिक्षा बुरी तरह से प्रभावित है। आए दिन अफसरों के निरीक्षण में स्कूलों की यह दशा सामने आती रहती है। इस पर शासन ने भी गंभीर रुख अख्तियार कर लिया है। प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बेसिक स्कूलों में जाड़े के दिनों में रोजाना साढ़े पांच घंटे व ग्रीष्म काल में साढ़े चार घंटे पढ़ाई हर हाल में सुनिश्चित कराने को कहा है, जबकि शिक्षकों को प्रतिदिन विद्यालय में साढ़े सात घंटे रुकना होगा। शिक्षण कार्य के अलावा शेष समय में उन्हें विद्यालय संबंधी अन्य कार्य निपटाने होंगे। बच्चों की पढ़ाई की निगरानी के लिए अफसरों को विद्यालय निरीक्षण के मासिक लक्ष्य आवंटित किए गए हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी को 20 व मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) न्यूनतम 10 विद्यालयों का प्रत्येक माह निरीक्षण करेंगे।
• शिक्षकों को स्कूल में रुकना होगा 7.30 घंटे
• बेसिक शिक्षा के अफसर करेंगे निगरानी
•शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर शासन गंभीर है। इसे लेकर शासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पूरा पालन होगा। खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।
• राजेश कुमार सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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